आपसी सौहार्द्र और मेल-मिलाप का पर्व है होली : प्रमोद कुमार

Ankalan 9/3/2020

बाबा लुक महाराज महोत्सव
,  गायिका नीतू नवगीत ने होली गीतों से रंग जमाया
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,  कला-संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन,पूर्वी चंपारण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बाबा लुक महाराज महोत्सव का विधिवत उद्घाटन बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार, जिला पार्षद गणेश सिंह तथा मोतिहारी सदर के अनुमंडल पदाधिकारी प्रियरंजन राजू ने किया । मौके पर उन्होंने कहा कि होली आपसी भाईचारा बढ़ाने और बैर-भाव भुलाने का त्यौहार है । भारतीय पर्व त्योहारों की यह खासियत रही है कि यह आपसी सद्भाव को बढ़ावा देने का संदेश देते हैं । रंग और गुलाल का हमारी संस्कृति में विशेष महत्व है । उन्होंने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आम लोगों के भलाई और देश के सम्मान को बढ़ाने के लिए काम कर रही है जबकि बिहार में नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में हमारी सरकार जल,जीवन और हरियाली का संदेश देते हुए सभी को आगे बढ़ने का अवसर दे रही है । उन्होंने कहा कि बिहार की कला और संस्कृति को दूसरे राज्य में ले जाने के लिए भी लगातार प्रयास किया जा रहा है । हाल ही में गुजरात के अहमदाबाद शहर में बिहार महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें दोनों राज्यों के कलाकारों ने भाग लिया । महोत्सव में होली गीतों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने अनेक होली गीतों की प्रस्तुति करके माहौल को होलीमय कर दिया । नीतू कुमारी नवगीत ने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना मंगल के दाता भगवान बिगड़ी बनाई जी गौरी के ललना हमरा अंगना में आई जी से की । नीतू कुमारी नवगीत ने साथियों के साथ मिलकर पारंपरिक गीत बाबा हरिहर नाथ, बाबा हरिहर नाथ सोनपुर में होली खेलें और गौरा करी के सिंगार पिसेली हरदिया गाकर श्रोताओं को झुमाया । नीतू कुमारी नवगीत ने अपने नए एल्बम से होली गीत फागुन में सजनवा ना अइले और पड़े रंग के फुहार सैंया के सुघड़ मड़ैया में गाया जिसे लोगों ने खूब सराहा । बरसाने और वृंदावन की होली की चर्चा करते हुए नीतू नवगीत ने राधा और कृष्ण के प्रेम पर आधारित दो होली गीतों की प्रस्तुति की । कान्हा मार ना ऐसे गुलाल से, रंग बरसे राधा के गाल से और कान्हा होलिया में रंग बरसईबा कि ना, कान्हा उंगली पकड़ के नचेईबा कि ना । कैलाश पर्वत पर गौरी-महेश की होली पर आधारित गीत कनक शिखर पर खेलत होली गौरी-महेश, किनके हाथ कनक पिचकारी, किनके हाथ अबीर गाया जिससे माहौल होलियाना हो गया ।फागुन के बा मस्त महीना, आगराईल धरती गगनवा गीत पर भी खूब वाहवाही मिली । सांस्कृतिक कार्यक्रम में रमेश प्रभात, भोला व्यास, कुंदन तिवारी और बिजेंद्र व्यास द्वारा भी बिहार के अनेक पारंपरिक होली गीतों की प्रस्तुति की गई । कार्यक्रम में भोला कुमार ने नाल पर, राजन कुमार ने तबला पर, सुजीत कुमार ने कैसियो पर संगत किया । भगवान भोलेशंकर और राधा कृष्ण की भव्य झांकी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा जिसमें कलाकारों ने भक्ति गीतों पर शानदार नृत्य पेश किया । कार्यक्रम के आयोजन के दौरान पुण्य देव पंडित, राजनाथ सहनी, प्रभु प्रसाद, हीरा लाल सहनी, किशोर सहनी, बिरेंद्र प्रसाद, जनू शर्मा, सियाराम साहनी राजेंद्र सहनी, विद्या किशोर प्रसाद, नागेश्वर प्रसाद देवचरण साह, रामबाबू, सुमित कुमार आदि मौजूद रहे ।

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