दिल्ली के सभी स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस डा. बीआर अंबेडकर के नाम से जाने जाएंगे- अरविंद केजरीवाल*

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हमें गर्व है कि हम बाबा साहब के विज़न को अपने माइंडसेट करिकुलम के माध्यम से पूरा करने का काम कर रहे हैं- मनीष सिसोदिया
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,  दिल्ली के खिचड़ीपुर स्थित स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस में आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सभी 30 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस को बाबा साहब के नाम समर्पित करते हुए शिलापट्ट का अनावरण किया। अभी तक इन स्कूलों को स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब यह स्कूल डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस के नाम से जाने जाएंगे। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने सीएम अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को नवांकुर भेंट कर स्वागत किया। सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत अन्य गणमान्यों ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विधायक आतिशी, दिल्ली के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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,  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सभी स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस आज से बाबा साहब अंबेडकर के नाम से जाने जाएंगे। भविष्य में इन्हीं स्कूलों से पढ़कर बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बनेंगे। यही तो बाबा साहब का सपना था। बाबा साहब का सपना था कि हमारे देश के हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, तभी देश तरक्की कर सकता है। मुझे बेहद खुशी है कि उनका सपना दिल्ली में पूरा हो रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 75 साल में सरकारी स्कूलों को जानबूझकर और खराब से खराब किया गया। हम लोगों ने सबके सहयोग से सिर्फ 5 साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों शानदार बना दिया। अब राजनीति के अंदर स्कूलों की बात होने लगी है। आपस में कंपटीशन होने लगा है। अब जो नया राजनीति का नैरेटिव है, वह धीरे-धीरे शिक्षा और स्वास्थ्य की ओर शिफ्ट हो रहा है। वहीं, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें गर्व है कि हम बाबा साहब के विज़न को अपने माइंडसेट करिकुलम के माध्यम से पूरा करने का काम कर रहे हैं।
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,  सीएम  अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब हमारी सरकार बनी, तब हमारे पास दो मॉडल थे। उस दौरान कई लोग आकर कहते थे कि आप एक कानून पास कर दो कि अधिकारियों, मंत्रियों और नेताओं के बच्चों को सरकारी स्कूल में डलवाया जाए। अगर सारे अधिकारियों और मंत्रियों के बच्चे सरकारी स्कूल में जाने लगेंगे, तो ये स्कूल अपने आप ही ठीक हो जाएंगे। तब मैंने कहा कि हम यह मॉडल लागू नहीं करेंगे। हम दूसरा मॉडल लागू करेंगे। हम सरकारी स्कूलों को ही इतना अच्छा बना देंगे कि ये सारे लोग अपनी इच्छा से अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजना चालू करेंगे। जब हमने यह सोचा था और इस इसको लागू किया, तब हमें उम्मीद नहीं थी कि हम पांच साल की सरकार में इतनी जल्दी यह हासिल कर पाएंगे। 75 साल तक बाकी पार्टियां और सारी सरकारें नहीं कर पाईं। हमें लगता था कि यह हासिल करने में काफी समय लगेगा। लेकिन सभी शिक्षकों, प्रिंसिपल, अभिभावकों, अधिकारियों, बच्चों और सभी जनता का सहयोग मिला। सभी लोगों के सहयोग से हम लोगों ने मिलकर के सिर्फ 5 साल में दिल्ली के सरकारी स्कूलों इतना शानदार बना दिया। आज हमारे कई विधायक ऐसे हैं, जिनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। वह हमने उनपर दबाव नहीं डाला, बल्कि वे अपनी इच्छा से सरकारी स्कूल में अपने बच्चे पढ़ा रहे हैं। मैं कई वकीलों को जानता हूं, जिनके पास खूब पैसा है। वो अपने बच्चों को अपनी इच्छा से सरकारी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। इस साल 3.75 लाख बच्चों ने अपने नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवा कर सरकारी स्कूलों में भर्ती करवाया है। मुझे बेहद खुशी है कि बाबा साहब अंबेडकर का जो सपना था कि इस देश के गरीब और अमीर बच्चों को एक जैसी अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, वह सपना दिल्ली में पूरा हो रहा है। 
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,  डिप्टी सीएम  मनीष सिसोदिया ने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि शिक्षित होने का यह अर्थ नहीं है कि सब कुछ हो गया, शिक्षित होने के साथ-साथ मनुष्य का शील होना भी जरुरी है। बाबा साहब ने कहा था कि शिक्षा केवल रोजी-रोटी पाने के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य समाज-राष्ट्र का निर्माण भी करना है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हम बाबा साहब के इस संदेश को, उनके विज़न को अपने माइंडसेट करिकुलम के माध्यम से पूरा करने का काम कर रहे है।
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,  केजरीवाल सरकार ने 22 मार्च 2021 को कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस की स्थापना की थी और शिक्षण सत्र 2021-22 में इस तरह के 20 स्कूल स्थापित करते हुए करीब 2300 छात्रों का एडमिशन किया। इसके बाद दिल्ली सरकार ने शिक्षण सत्र 2022-23 में 11 स्कूलों और जोड़ा है। इसके बाद अब दिल्ली में स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस संख्या बढ़कर 31 हो गई है। इन 31 स्कूलों में से एक आर्म्ड फोर्स प्रिपेटरी स्कूल है, जिसका नाम बदलकर शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्स प्रिपेटरी स्कूल कर दिया गया है। वहीं, दिल्ली सरकार ने 12 अप्रैल 2022 को सभी 30 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस को बाबा साहब डॉ. अंबेडकर को समर्पित करने का फैसला किया। दिल्ली सरकार के राज्य नामकरण प्राधिकरण ने सभी 30 स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस का नाम बदलकर डॉ बी. आर. अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस कर दिया है। अब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस में ग्रेड 9-12 के स्कूल हैं जहां बच्चों की योग्यता और रुचि के आधार पर विशेष शिक्षा प्रदान किया जाता है। ये स्कूल दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) से संबद्ध हैं और इंटरनेशनल बैकलॉरिएट(आईबी) के साथ साझेदारी की गई है। आईबी विश्व स्तर पर एक प्रसिद्ध स्कूली शिक्षा बोर्ड है।
,   *डॉ. अंबेडकर स्कूल्स ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सिलेंस में विशेषज्ञता के चार डोमेन*
,  1-  विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम),2-मानविकी,3- प्रदर्शन और दृश्य कला,4- हाई-एंड 21वीं सदी के कौशल
,  *इन स्कूलों में उनके डोमेन के आधार पर बच्चों को दी जा रही विशिष्ट शिक्षा*
,  इन स्कूलों में छात्रों को भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में मूलभूत शिक्षा और उनके डोमेन के आधार पर कठोर विशिष्ट शिक्षा प्रदान की जाती है। उदाहरण के लिए, प्रदर्शन और दृश्य कला स्कूलों में, छात्रों को केवल दृश्य कला क्षेत्र में कलात्मक कौशल नहीं सिखाया जाता है, बल्कि उन्हें ग्राफिक्स डिजाइनर और एनीमेशन कलाकार बनने के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। एसटीईएम स्कूलों में, बच्चों को जेईई और एनईईटी की तैयारी के लिए विद्या मंदिर कक्षाओं से विशेष पेशेवर सहायता मिलती है। मानविकी स्कूलों में, बच्चे सामाजिक विज्ञान में स्वयं अनुसंधान के माध्यम से सीखते हैं। वहीं, हाई एंड 21वीं सेंचुरी स्किल्स स्कूल में, बच्चे रोबोटिक्स, ऑटोमेशन और कई नई अत्याधुनिक तकनीक के बारे में सीख रहे हैं।
,  दिल्ली सरकार ने इन स्कूलों में अत्याधुनिक पाठ्यक्रम विकसित करने, नए जमाने के आकलन डिजाइन करने और कुशल प्रशिक्षक प्रदान करने के लिए कई विश्व-प्रसिद्ध संस्थानों के साथ भागीदारी भी की है। जिसमें आईआईटी दिल्ली, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, निफ्ट दिल्ली, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, वैश्विक संगीत संस्थान, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, विद्यामंदिर क्लासेस शामिल है। छात्रों को उद्योगों के फील्ड ट्रिप के साथ-साथ प्रख्यात उद्योग पेशेवरों से मास्टर क्लास, कार्यशालाएं और अतिथि व्याख्यान भी प्रदान किए जाते हैं। इन स्कूलों में विभिन्न अभिनव प्रयोग किए गए हैं, जैसे डिजिटल टैबलेट आधारित आंकलन, क्रोमबुक के माध्यम से शिक्षण-शिक्षण, आदि। शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए प्रवेश प्रक्रिया फरवरी में शुरू हुई थी। इन 30 स्कूलों में करीब 4600 सीटों के लिए 79513 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें योग्यता परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या 62,438 थी। प्रवेश परीक्षा के परिणाम इसी महीने घोषित किए जाएंगे।

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