नई शिक्षा नीति भारत को एक ज्ञान आधारित समाज बनाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है - सुरेश पचौरी,
नईदिल्ली - इलिट चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (ईसीसीआई) और हिमालयन आशियाना ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में नई दिल्ली के होटल ली मेरिडियन में एजुकेशन कॉन्कलेव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति को आज की जरूरत बताया। जिससे कई तरह के बदलाव आएंगे। युवा अब जॉब क्रिएटर हो रहे हैं।
,  बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय संसदीय राज्यमंत्री सुरेश पचौरी ने ईसीसीआई के पांचवें कॉन्कलेव को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत के लिए सबको एक साथ मिलकर कार्य करने की जरूरत है। धर्म, जाति से ऊपर उठकर सभी वर्गों के लोगों को एकजुट होने की आवश्यकता है।
,  सुरेश पचौरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। जिसमें शिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका है। आज देश में शिक्षा में सकारात्मक बदलाव आए हैं, यह बदलाव काफी प्रासंगिक है। इसकी जरूरत थी, इसका प्रभाव भी दिख रहा है। देश की शिक्षा कई मायनों में अपनी मूल स्थिति में लौटी है। देश को एक ज्ञान आधारित समाज बनाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। सुरेश पचौरी ने कहा कि ईसीसीआई और hat जैसी संस्था जो शिक्षा पर लगातार कार्य कर रहा है इससे युवाओं को लाभ मिल रहा है। सुरेश पचौरी ने कहा कि जिस प्रकार से आज शिक्षा में बदलाव आ रहे हैं इसमें सरकार के साथ-साथ शिक्षाविदों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
,  सुरेश पचौरी ने कहा कि ईसीसीआई और hat शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, शिक्षकों, उद्योगपतियों और सरकारी प्रतिनिधियों एक मंच प्रदान कर रहा है जहां नई शिक्षा नीति के उल्लेकनीय प्रगति की समीक्षा भी होगी जिससे आगे का रास्ता तैयार किया जा सकता है।
,  प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता पर सुरेश पचौरी ने कहा की नरेंद्र मोदी जी के परिवर्तनकारी कल्पना नई शिक्षा नीति में साफ दर्शाता है। उन्होंने शिक्षा को भारत के विकास की गाथा का केंद्र बिंदु बनाया है जिससे विकसित भारत 2047 के सपने की दिशा में आगे बढ़ने के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक राष्ट्रीय मिशन है। ईसीसीआई और हिमालयन आशियाना ट्रस्ट,hat जैसी संस्था की अहम भूमिका हो जाती है।
,  ईसीसीआई के पांचवें कॉन्कलेव को संबोधित करते हुए एआईसीटीई के सीओओ बुद्धा चंद्रशेखर ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में देश में तेजी से शिक्षा में कई परिवर्तन हुए हैं। देश के शिक्षण संस्थान वैश्विक स्तर पर तैयार हुए हैं। जहां अब कई देशों के विद्यार्थी अध्ययन के लिए आ रहे हैं।
,  शोभित यूनिवर्सिटी के चांसलर कुंवर शेखर विजेंद्र ने कॉन्कलेव को संबोधित करते हुए कहा कि ईसीसीआई और हिमालयन आशियाना ट्रस्ट,hat ने जिस प्रकार के प्रयास किया है इनके कार्य सराहनीय है। देश की नई शिक्षा नीति भारत को एक ज्ञान आधारित समाज बनाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। जिस प्रकार के प्रयास किए गए हैं इससे उच्च शिक्षा के दरवाजे और अधिक छात्रों के लिए खोलने का एक क्रांतिकारी कदम है। आज देश के कई यूनिवर्सिटी बाहर के यूनिवर्सिटी के साथ हाथ में हाथ मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं। देश में शिक्षा को व्यवाहारिक बनाया गया है।
,  एआईएफटी के चांसलर संदीप मारवाह ने ईसीसीआई और हिमालयन आशियाना ट्रस्ट के कॉन्कलेव को एक शानदार आयोजन बताते हुए कहा कि आज देश में सीखने और सुधार की संस्कृति की प्रवृति को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। युवा रोजगार देने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ रहे हैं। यह देश के लिए शुभ संकेत हैं। शिक्षा में सुधार हो रहा है लेकिन इसके लिए शिक्षाविदों को ही आगे बढ़कर कार्य करने की जरूरत भी है।
,  ईसीसीआई और हिमालयन आशियाना ट्रस्ट के कॉन्कलेव को रत्नेश मिश्रा, शंकर अंदानी, कैलाश बिहारी सिंह, एनपी गांधी, सीए दीन दयाल अग्रवाल, सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने संबोधित किया। ECCI के डीजी वी राज बाबुल ने कहा की भारत की नई शिक्षा नीति देश को नई ऊंचाईयों तक लेकर जाएगी, कॉन्क्लेव में आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले संस्थान और व्यक्तित्व को सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि ईसीसीआई देश की अग्रणी औद्योगिक संस्था है जो देश के विभिन्न् सेक्टरों पर कार्य करने के लिए जाना जाता है।