बेहतर गुणवत्ता पर समझौता नहीं किया जा सकता : गोयल

Ankalan 7/1/2024

भारतीय मानक ब्यूरो ने 77वां स्थापना दिवस मनाया
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,  बीआईएस और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने संयुक्त रूप से 'भारत में गुणवत्ता परितंत्र को मजबूत करने पर संवाद' कार्यक्रम आयोजित किया
,  केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्‍त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के 77वें स्थापना दिवस के दौरान अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा कि भारत को मानकों के मामले में अग्रणी होना चाहिए। बीआईएस ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के साथ मिलकर इस अवसर पर संयुक्त रूप से 'भारत में गुणवत्ता परितंत्र को मजबूत करने पर संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया।
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,  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीआईएस को मानकों को सिर्फ अपनाने वाला बनकर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानकों को जहां भी संभव हो जैसे लिफ्ट या एयर फिल्टर या चिकित्सा आइटम, सबको अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हितधारकों के साथ विचार-विमर्श बढाते हुए और उद्योग प्रतिनिधियों को शामिल करके इसे हासिल किया जा सकता है।
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,  गोयल ने आभूषणों की हॉलमार्किंग में बीआईएस के प्रयासों की सराहना की और बताया कि अनिवार्य हॉलमार्किंग 343 जिलों में हो रही है। प्रतिदिन 4.3 लाख से अधिक वस्तुओं को हॉलमार्क किया जाता है और लोग जो आभूषण खरीद रहे हैं उनमें से 90 प्रतिशत आभूषण हॉलमार्क वाले होते हैं।
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,  केन्‍द्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि 2014 तक 106 उत्पादों के केवल 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) थे। लेकिन, अब, 672 उत्पादों के 156 क्यूसीओ हैं। गोयल ने कहा कि 90 प्रतिशत क्यूसीओ पिछले कुछ वर्षों में आए जब प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश का नेतृत्व किया। खिलौनों के बारे में उन्होंने कहा कि क्यूसीओ के कारण 2015 की तुलना में 2023 में खिलौनों के आयात में 52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें गुणवत्ता को सबसे ऊपर रखा गया है।
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,  उन्होंने कहा कि क्यूसीओ को लगभग 2500 से अधिक वस्तुओं पर लागू किया जा रहा है जो उच्च मानक वाली वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करके गुणवत्ता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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,  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 9 साल पहले प्रधानमंत्री ने जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट का विज़न दिया था, जिसका मतलब है कि भारत को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने चाहिए जो टिकाऊ हों, पर्यावरण के अनुकूल हों और जलवायु पर बुरा असर न डालते हों। गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री के विज़न को अपनाया जा रहा है और इसके परिणामस्वरूप उपभोक्ता गुणवत्ता के प्रति जागरूक हो गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए कहा कि दशकों से भारत गुणवत्ता के लिए विदेशी मानकों पर निर्भर रहा है। अब भारत की गति और प्रगति हमारे अपने मानकों से तय होगी।
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,  गोयल ने कहा कि गुणवत्ता ही राजा है। लेकिन, बेहतर गुणवत्ता शायद सम्राट है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता की वजह से लागत से अधिक फायदा है जिससे उद्योग और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होता है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता सामान्य कारक है और यह जरूरी है। उनकी राय में बेहतर गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता और बीआईएस के जागरूकता बढाने से उपभोक्ता, उद्योग, निर्यातक या आयातक सभी इसके लाभों को समझते हैं।
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,  केंद्रीय मंत्री ने युवा पीढ़ी से गुणवत्ता और विकसित भारत के युवा राजदूत बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि युवा ई-लर्निंग को बढ़ावा दे सकते हैं, और कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में परख पहल को आगे बढ़ा सकते हैं।
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,  गोयल ने बताया कि गुणवत्‍ता के क्षेत्र में पाई गई कमी का अध्ययन करने के बाद, बीआईएस और उद्योग की सुविधा के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का व्यापक नेटवर्क स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि बीआईएस ने हाल ही में कपास परीक्षण के लिए 21 प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए 40 करोड़ रुपये का निवेश करने पर सहमति व्यक्त की है। उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान करते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में परीक्षण की जरूरत है, उन्हें लेकर आगे आएं। उन्होंने बताया कि बीआईएस के पास पर्याप्त धन है और उनसे बेहतर वितरण के लिए पारदर्शी परितंत्र और उच्च निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।
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